क्रांतिपथ के वीर साधक चाफेकर बंधु, एक मां की तीन संतानें जो हंसते-हंसते चढ़ गईं फांसी
स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में चाफेकर बंधुओं के रूप में पहली बार ऐसा
स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में चाफेकर बंधुओं के रूप में पहली बार ऐसा
स्वाधीनता संग्राम में लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इनमें
यदि वक्त के पहिए को घुमाया जाए तो हम पाएंगे कि परतंत्रता
सही कहा गया है कि स्वाधीनता मुफ्त में नहीं मिली है, बाकायदा
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के समय मातृशक्ति जितनी जागृत हुई, उतनी शायद ही
भारत की धरा पर अनेक ऐसे वीर- वीरांगनाओं का जन्म हुआ जिन्होंने
स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आज हम बात करेंगे बंगाल
अंग्रेजों की राज्य हड़प नीति के विरुद्ध शस्त्र उठाने वाली पहली महिला