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डालमिया शोध केंद्र: भारतीय इतिहास और संस्कृति के संरक्षण में एक प्रमुख नाम

डालमिया शोध केन्द्र एक प्रतिष्ठित संगठन है जो प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन और अनुसंधान में संलग्न है। हमारा मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारतीय संस्कृति और धरोहर के प्रति जागरूक और सशक्त बनाना है। हम भारतीय इतिहास का गहन अध्ययन, अनुसंधान और संरक्षण कर समाज में संस्कृति और परंपराओं का प्रचार-प्रसार करते हैं। हमारा संगठन विभिन्न शोध परक कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के माध्यम से ज्ञान का विस्तार करता है और युवाओं को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का प्रयास करता है। डालमिया शोध केन्द्र विशेषज्ञ और विद्वानों के माध्यम से प्राचीन ग्रंथों, शिलालेखों, मूर्तियों और स्थापत्य कला का अध्ययन करक उनकी महत्वपूर्ण जानकारियों को जन-जन तक पहुंचाता हैं। हमारा मानना है कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में निहित ज्ञान और मूल्य आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक हैं और उन्हें सहेजकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम युवाओं को हमारी समृद्ध संस्कृति से जोड़ने के लिए विविध कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करते हैं, ताकि वे हमारी धरोहर को समझ सकें और उसे आगे बढ़ा सकें। डालमिया शोध केन्द्र के माध्यम से हम भारतीय संस्कृति और इतिहास के महत्व को बढ़ावा देते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए सतत प्रयासरत रहते हैं।

  • हमारा लक्ष्य

    डालमिया शोध केंद्र का लक्ष्य बहुआयामी है। ये संस्थान भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत में निहित ज्ञान की विशाल संपदा को संरक्षित करने, तलाशने और बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा, ये संस्थान भारतीय ज्ञान प्रणालियों के मूल्यों और सिद्धांतों में निहित रहते हुए जांच, आलोचनात्मक सोच और नवाचार की भावना को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अतीत को वर्तमान से जोड़कर, ये संस्थान भविष्य की पीढ़ियों को भारत की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धता,उससे जुड़ने और उसमें योगदान देने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    केंद्र के कुछ प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार हैं-

  • पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण

    प्राचीन ग्रंथों और प्रथाओं में पाए जाने वाले पारंपरिक ज्ञान के विशाल भंडार की खोज एवं संरक्षण।

  • अंतर्विषयक अनुसंधान

    ऐसे अनुसंधान को बढ़ावा देना, जो पारंपरिक भारतीय ज्ञान को समकालीन विज्ञान और मानविकी के साथ एकीकृत करते हैं।

  • सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत

    कला, साहित्य एवं कृषि, बुनियादी विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत का यशोगान कर, उसका प्रचार-प्रसार करना।

  • नवाचार और अनुप्रयोग

    पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक कल्याण सहित आधुनिक समय की चुनौतियों के लिए प्राचीन ज्ञान का नवाचार और अनुप्रयोग करना।

हमारी टीम से मिलें

विवेक मिश्र

कार्यकारी अध्यक्ष

साक्षात्कार

"डालमिया शोध केंद्र ने भारतीय इतिहास और संस्कृति के संरक्षण में अद्वितीय योगदान दिया है। उनकी गहन अनुसंधान और संरक्षित सामग्री ने हमारे अध्ययन को समृद्ध किया है। इस संस्थान के कार्यशालाएं और संगोष्ठियाँ न केवल ज्ञानवर्धन का अवसर प्रदान करती हैं, बल्कि भारतीय धरोहर के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती हैं।"

डॉ. संगीता यादव

इतिहास विशेषज्ञ और प्रोफेसर

"मैंने डालमिया शोध केंद्र के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और इसका अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक रहा। यहाँ मिले ज्ञान और संसाधनों ने मुझे भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराई को समझने में मदद की। इस संस्थान का काम युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत है।"

शैलेश कुमार

युवा अनुसंधानकर्ता

"डालमिया शोध केंद्र द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं अद्वितीय हैं। इन कार्यक्रमों ने मुझे और मेरे साथियों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझने और सहेजने की प्रेरणा दी। यह संस्था भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।"

प्रेमा शर्मा

सांस्कृतिक कार्यकर्ता