यदि वक्त के पहिए को घुमाया जाए तो हम पाएंगे कि परतंत्रता की बेडिय़ों को तोडऩे में भारतीय वीरांगनाएं न सिर्फ पुरुषों के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं, बल्कि अपना सर्वस्व अर्पित कर एक नया मुकाम हासिल किया। हालांकि स्वतंत्रता के बाद इस देश का दुर्भाग्य रहा कि हम इतिहास में दफन उन वीरांगनाओं की शौर्य गाथाओं को जनमानस तक नहीं पहुंचा पाए और इतिहास चंद कहानियों में सिमटकर रह गया। आज आपको परिचित कराते हैं बंगाल की वीरांगना क्रांतिकारी बीना दास से, जिन्होंने महज 21 वर्ष की आयु में बंगाल के गवर्नर स्टेनली जैक्सन पर गोली चला दी थी।
बीना दास का जन्म 24 अगस्त सन् 1911 को बंगाल के कृष्णानगर में हुआ था। इनके पिता बेनी माधव दास सुप्रसिद्ध अध्यापक थे, उनके शिष्यों की फेहरिस्त में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भी सम्मिलित था। इनकी माता सरला दास सामाजिक कार्यों में संलग्न रहीं साथ ही वह निराश्रित महिलाओं के लिए पुण्याश्रम नामक एक संस्था की संचालिका भी थी। दरअसल इस आश्रम का मुख्य कार्य क्रांतिकारियों की सहायता करना था। इसमें क्रांतिकारियों के लिए शस्त्रों का भंडारण किया जाता था, जिससे ब्रिटिश सरकार को उसी की भाषा में जवाब दिया जा सके।